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कोरोना


🌷कोरोना है /या मौका/ या धोखा/गुमराह 🌷

जानें ये कोई काली छाया है, या कोई बिमारी है,
चीन के वुहान शहर से आई, ये कोई महामारी है।
सम्पूर्ण विश्व में कहर जारी, हर तरफ ही रोना है,
ज़िंदगियों को लीलती, वैश्विक बिमारी कोरोना है।

सचमुच में ये महामारी, जो कोरोना कहलाती है,
जो सबक देती है या मौका, जीना भी सिखाती है।
जो एहतियात नहीं बरतते, वो गुमराह हो जाते हैं,
ख़ुद की लापरवाही दिखाते हैं या धोखा खाते हैं।

क्या कहना ऐसे सियासतदान जालिम लोगों का,
कुछ और काम नहीं बस खोखले दंभ ही भरते हैं।
कुदरत का ये कहर, जो बनकर महामारी जारी है,
जानें क्यों इसपर लोग अपनी सियासत करते हैं।

🌷जीना/परेशान है/सरकार/चुनाव में व्यस्त/किसान बिल🌷

जनता परेशान है, मानव रक्षा इनका तो काम नहीं,
ये अधर्मी लोग परोपकार इन्हें समझ नहीं आता है।
ये लोग अपनी स्वार्थ सिद्धी करने में ही व्यस्त रहते,
इन लोगों का सियासतदानों से ही, गहरा नाता है।

चारो तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है, लोग त्रस्त हैं,
जनता भूखी मर रही, सरकार चुनाव में व्यस्त है।
क्या बताऊँ ओछी हरकतों से, शर्म भी नहीं आती,
किसान बिल का पेंच फँसा, पर रहते सदा मस्त हैं।

सच्चे राजनेताओं को चैन नहीं, ना ये सुस्ताते हैं,
पलभर भी नहीं आराम है, सच्ची सेवा निभाते हैं।
जिन्हें राजनीति विरासत में मिली, दंभ दिखाते हैं,
बस पैर खींचते हैं, झूठ को सारा सच कर जाते हैं।

🌷 निष्कर्ष 🌷

कुदरती कहर या बिमारी, या हो वैश्विक महामारी,
ये तो एक ना एक दिन तो, समाप्त हो ही जाएगी।
ये जनता है जो सब कुछ जानती है, पहचानती है,
तुम्हें सबक सिखाया, देखना फिर सबक सिखाएगी।

© 🙏🌹 मधुकर 🌹🙏