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ये ज़िन्दगी मरने नहीं देती
गर मरना चाहूँ तो भी, ये ज़िंदगी मरने नहीं देती,
टूट चुका हूँ जरुर, पर टूटकर बिखरने नहीं देती।
आस लगाये बैठा हूँ, पर विश्वास अभी टूटा नहीं,
मायूसी छाई है दिल में, चेहरे पर उभरने नहीं देती।
मैं तो इक सामान्य इंसान हूँ, कोई भगवान तो नहीं,
ज़िंदगी से हार जाना, समस्या का समाधान तो नहीं।
थक कर बैठना चाहूँ पर, इक पल ठहरने नहीं देती,
गर मरना चाहूँ तो भी, ये ज़िंदगी मरने नहीं देती।
थक कर हार जाने वालों को, ये ज़िंदगी सताती है,
दो पल के लिए हँसाती है, तो हर पल ये रूलाती है।
किसी का बुरा चाहूँ भी तो, ये बुरा करने नहीं देती,
गर मरना चाहूँ तो भी, ये ज़िंदगी मरने नहीं देती।
© 🙏🌹 मधुकर 🌹🙏
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