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नहीं आये...💔💔✍️✍️ (गजल)
वो करके अपने हुस्न पर नाज नहीं आये
मुझे समझ में उनके अंदाज नहीं आये

लोगों ने पूछा इस बेवफाई का सबब
मगर जुबां पर मेरी मेरे राज नहीं आये

अब उनके आने की उम्मीद कहां 'सत्या'
जो कल नहीं आये जो आज नहीं आये

तिल- तिल तड़पाया उसने मेरे दिल को
वो हरकतों से अपनी बाज नहीं आये

न सलाम न बात न स्वागत कोई हमारा
फिर भी महफिल से नाराज नहीं आये

हमने उसकी इज्जत नीलाम नहीं की
जो रखने मेरे प्यार की लाज नहीं आये

जो कहते थे सुख दुख में साथ हैं तुम्हारे
मेरी तन्हाई में मगर वो जांबाज नहीं आये

तुम्हें लगता है कि मैं हंसता बहुत हूं यार
दिल तो रोता है तुम्हें आवाज नहीं आये

इजहारे -मोहब्बत से घबराता है ये दिल
कहना बहुत कुछ चाहूं अल्फाज नहीं आये


© Shaayar Satya