16 views
ऐ मेरे हमदम!
ऐ मेरे हमदम!
तुमसे प्यारा कोई नहीं
तुम्हारी मोहब्बत की
बातों से बेहतर कुछ नहीं
डूबी सी रहती हूँ
जब अभिव्यक्ति का प्रवाह शुरू करते हो
तल्लीनता से सुनती हूँ
जब दिल के जज़्बात उकेरते जाते हो
कैसे बताऊँ
क्यों छलक जाते हैं आंसू मेरे
अपने प्यार का एहसास देकर,
मेरी रूह में हलचल मचा देते हो!
तुमसे प्यारा कोई नहीं
तुम्हारी मोहब्बत की
बातों से बेहतर कुछ नहीं
डूबी सी रहती हूँ
जब अभिव्यक्ति का प्रवाह शुरू करते हो
तल्लीनता से सुनती हूँ
जब दिल के जज़्बात उकेरते जाते हो
कैसे बताऊँ
क्यों छलक जाते हैं आंसू मेरे
अपने प्यार का एहसास देकर,
मेरी रूह में हलचल मचा देते हो!
Related Stories
39 Likes
6
Comments
39 Likes
6
Comments