...

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तुम्हीं हो सब कुछ मेरे
#अनमोलप्रियवस्तु
कैसे बताए तुम्हें तुम मेरे क्या हो?
तुम वो धूप हो जिसमें अपनी परछाई देखती हूं,
तुम वो अंधेरा हो जिसमें मैं चांद सी चमकती हूं।
उठती है जब जब समंदर की लहरें,
तेरी बांहों में खो जाने को दिल मचलती है।
कैसे बताएं यह प्रेम मेरे लिए क्या है?
ये हवाएं वादियां झरने नदियां गुनगुनातीं
पंछियां सब तेरी राह हमें दिखाती है।
अब जीने मरने की फ़िक्र नहीं होती है,
तुम वो दिनरात हो जिसमें हर लम्हा सांसें भरती है,
तुम्हीं हो सब कुछ मेरी सारी चाहते तुझपे मरती है।

© Sunita barnwal