कोमल तरूणी..
कोमल तरूणी
नयन कमल से
अधर नमी लिए निहार सी
खिले कपोलों पर वृंतपुष्प
नख शुक चंचु का रूप लिए
वक्ष उभार यौवन निखरे
कटि भाग सरिता लहराए
केश बिखरे हों जो सुंदर मुख पर
लगे चंद्र जैसे घन में छुप जाए
🌹sunita Singh🌹
नयन कमल से
अधर नमी लिए निहार सी
खिले कपोलों पर वृंतपुष्प
नख शुक चंचु का रूप लिए
वक्ष उभार यौवन निखरे
कटि भाग सरिता लहराए
केश बिखरे हों जो सुंदर मुख पर
लगे चंद्र जैसे घन में छुप जाए
🌹sunita Singh🌹
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