...

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इरम कल की परवाह छोड़ दे अब
अब तभी हम फिर से मुस्कुरायेंगे
जब हमारे पुराने दिन लौट आयेंगे

हम अपने दिल को फ़िर से मनायेंगे
अपनी हर खुशी दोबारा दोहरायेंगे

ज़िन्दगी क्या होती है हम बतायेंगे
ज़िन्दगी के हर रिश्ते को निभायेंगे

तेरे हिस्से के सारे दर्द को छुपायेंगे
और हम सामने से फ़िर मुस्कुरायेंगे

इरम कल की परवाह छोड़ दे अब
ग़म सहेगे अपने और जश्न मनायेंगे