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मैं उसी का रहा
वो किसी और का हो चला
पर मैं उसी का रहा
उसके बिना कहीं भी
कभी ये दिल ना लगा
मैंने जितना भुलाना चाहा उसे
वो उतना ही याद आता रहा
सूरत भूल गया मैं उसकी
पर आंखों में ख़्वाब बनके वो जागता रहा
अर्सों बीत गए
सब बदल गए
मगर फ़िर जब सामना हुआ मेरा उससे
ये दिल पागल सारे शिकवे भूल गया
नैनों में अश्क नहीं
पर इसका मतलब ये नहीं
कि कोई ज़ख़्म नहीं
ये दिल दीवाना तेरा
आज भी तेरी यादें संग लिए घूमता है
तू मिल जाएगा फ़िर से मुझे
ऐसा वहम लिए घूमता है
तुझे पाना बस एक ख़्वाब है
ये दिल मान क्यूं नहीं लेता
ख़्वाब में ही सही तुझे अपना मानना
इसे एक अलग सा सुकून देता है
Pic from : Pinterest
#writco #thoughts #sad #poetry
© rõõh
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