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दूर नहीं थे हम तुम
इस क़दर दूर नहीं थे हम तुम,
जितने अब हो गए हैं सनम।
माना की कुछ गलतफहमियों,
में उलझ गए थे हम और तुम।
रिश्ता हमारा इतना कमज़ोर नहीं,
था जो तोड़ गए एक पल में तुम।
ऐसी भी क्या मजबूरी रही तुम्हारी,
जो छोड़ कर जाना पड़ा हमें सनम।
कुछ तो कहो क्या है दिल में तुम्हारे,
रिश्ता निभा रहे हो या रिश्ते ख़त्म कर रहे हो तुम।
जितने अब हो गए हैं सनम।
माना की कुछ गलतफहमियों,
में उलझ गए थे हम और तुम।
रिश्ता हमारा इतना कमज़ोर नहीं,
था जो तोड़ गए एक पल में तुम।
ऐसी भी क्या मजबूरी रही तुम्हारी,
जो छोड़ कर जाना पड़ा हमें सनम।
कुछ तो कहो क्या है दिल में तुम्हारे,
रिश्ता निभा रहे हो या रिश्ते ख़त्म कर रहे हो तुम।
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