...

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वक्त मेरा
ये वक्त मेरा मुझसे एक सवाल करता है "
क्यों गवाया मुझे हिसाब मांगता है,,,!!

क्यो इस तरह तूने मुझे बर्बाद किया "
ऐसा क्या हुआ जो मिट्टी मे मिला दिया,,,,!!

मैं तो हर पल था तेरे साथ चला "
बता तो सही क्यो तूने ना मुझसे काम लिया,,,!!

अच्छा या बुरा मै जो भी था "
क्यो मुझसे ना तूने कुछ सबक लिया ।।

क्यो तूने मुझे भेदभाव के नाम पर बदनाम किया "
देख तो सही वक्त था मै सबको बराबर मिला,,,,!!

मेरे रहते जब ना तूने कदम उठाया था "
निकला जो हाथों से तो तू क्यो फड़फड़ाया है,,,!!

माना की तेरे हाथो से छुट चुका हूँ "
पुकार तो सही मै अभी भी वही खड़ा हूँ,,,,!!

बुरे से मुझे अब तू खुद ही अच्छा बना "
तेरा ही वक्त हूँ ना मुझे तू इस तरह गवां,,,,!!

© Himanshu Singh