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शीर्षक - प्रीत रंग।
शीर्षक - प्रीत रंग।

रंग दो मोहे अपने प्रेम रंग से,
प्रियवर प्रीत रंग चढ़ाओ ना।
इस होली की उमंग में देखो,
प्रिय इस बार तो आओ ना।

क्या ये होली भी रूखी होगी,
कुछ तो सही तुम बताओ ना।
अँखिया ताक रही राह तुम्हरी,
ऐसे तो ना पिया तरसाओ ना।

हर बार का यही है तुम्हारा,
बहाना अब और ना बनाओ ना।
चाह तुम्हें अपने काम से बस,
मेरी चाह को भी कभी चाहो ना।

बरस बीत गए जाने कितने,
इस होली में तो भिगाओ ना।
बिन तुम्हारे कैसे मनाऊँ मैं,
ये होली तो साथ मनाओ ना।

माना काम बहुत ज़रूरी है,
पर हम पे भी ध्यान लाओ ना।
बस एक दिन की तो बात है,
सुनो पिया इस होली तो आओ ना।

©Musickingrk

#होली #happyholi