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ख़ामोश रहकर देख
छोटी छोटी बातों पर, अपने दिल को बेजार ना कर,
गर सुकून चाहिए ज़िंदगी में, तो ख़ामोश रहा कर।
चाहकर कोई पार ना पाये, सौ वक्ता एक चुप हराये,
दिल में उठने वाले तूफान को, तू चुपचाप सहा कर।
कौन कहता है, उत्पात मचाने वालों का नाम होता है?
जो सहकर जीवन जीता, उसका काम तमाम होता है?
क्षमा दया तप त्याग, हर किसी के बस की बात नहीं,
किसी को माफ़ करना, सजा देने से बड़ा काम होता है।
शिकवा को वश में कर, खुशियों से दामन भर जाएगा,
ख़ामोश रहकर देख, जीवन आराम से गुज़र जाएगा।
© 🙏🌹 मधुकर 🌹🙏
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