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जितने दूर उतने पास
ऐसे मोड़ पर ले आई है ज़िंदगी,
साँसों में बसता है वो आज भी,
पर उस पे अब हक़ हमारा नहीं,
याद कर करके बहाते है आँसू,
कहना चाहते बहुत कुछ उनसे,
पर सामने उनसे आँखें चुराते,
भूल गए सब कसमें वादे सारे,
धुँधली पड़ने लगी यादें सारी,
पर मिटते नहीं वो राहें जहन से,
© feelmyrhymes {@S}
साँसों में बसता है वो आज भी,
पर उस पे अब हक़ हमारा नहीं,
याद कर करके बहाते है आँसू,
कहना चाहते बहुत कुछ उनसे,
पर सामने उनसे आँखें चुराते,
भूल गए सब कसमें वादे सारे,
धुँधली पड़ने लगी यादें सारी,
पर मिटते नहीं वो राहें जहन से,
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