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#जून
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहुकार
बस कुछ दिनों की बात है
तुम सब भुल जाओगे
तो फिर पछताओगे
मैंने कुछ कमी करदी
मैंने क्यों यह कर दिया
मैंने उसके साथ इंसाफ न किया
फिर अपनी नज़रों से उठ न सकोगे
इसलिए जो भी करना, सोच समझकर।।
© mmmmalwinder
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहुकार
बस कुछ दिनों की बात है
तुम सब भुल जाओगे
तो फिर पछताओगे
मैंने कुछ कमी करदी
मैंने क्यों यह कर दिया
मैंने उसके साथ इंसाफ न किया
फिर अपनी नज़रों से उठ न सकोगे
इसलिए जो भी करना, सोच समझकर।।
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