कुछ ख्वाब हमने भी सुनहरे देखे
उदासी में मुस्कुराहट के पहरे देखे,
ऐसे भी अजब मैंने कुछ चेहरे देखे.
लोग कराह उठते हैं जरा सी खरोंच आने पर,
उनकी खामोशी में भी ज़ख्म हमने गहरे देखें.
महफ़िल में हंसते हैं तन्हाई में रोते हैं,
लोगों में ऐसे किरदार भी दोहरे देखे.
लोग घबरा जाते हैं जरा सा अंधेरा होने पर,
कुछ लोगों के मुकद्दर में मैंने सिर्फ अंधेरे देखे.
हक़ीक़त के साथ जीना आता हैं हमें,
पर कुछ ख्वाब हमने भी सुनहरे देखे.
ऐसे भी अजब मैंने कुछ चेहरे देखे.
लोग कराह उठते हैं जरा सी खरोंच आने पर,
उनकी खामोशी में भी ज़ख्म हमने गहरे देखें.
महफ़िल में हंसते हैं तन्हाई में रोते हैं,
लोगों में ऐसे किरदार भी दोहरे देखे.
लोग घबरा जाते हैं जरा सा अंधेरा होने पर,
कुछ लोगों के मुकद्दर में मैंने सिर्फ अंधेरे देखे.
हक़ीक़त के साथ जीना आता हैं हमें,
पर कुछ ख्वाब हमने भी सुनहरे देखे.
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