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तेरे नन्हे से कदम जब ज़मी पर चलते है

तेरे नन्हे से कदम जब ज़मी पर चलते हैं
तेरे खामोश से कदम जब ज़मी पे चलते है,
बिना रुके बिना थके मीलो की दूरी तय करते है,
मासूम सी मुस्कराहट आंखों से झलकाते है,
कोमल से हाथो को चेहरे पे जब लाते है,
रोकते हैं आंखों से आंसू ,
दुनिया देखने का नजरिया बदलते है ।।

तेरे नन्हे से कदम जब ज़मी पर चलते है
हर कदम एक नयी मंजिल,
हर आहट से मिल जाते है,
रूप बदल कर हर रंग में,
वो पास मेरे आ जाते है|
थामते थे जो माँ की आगुली।
आज वो मेरा हाथ थामा करते है|

तेरे नन्हे से कदम जब ज़मी पर चलते है


© SandeshAnkita