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उठो राधा रानी
उठो राधा
कृष्णा पुकारता है तुम्हे,
नींद के आगोश को छोड़ो
नरम बिस्तर को त्यागो
मेरे आगोश में आओ
मेरी बाहों में समाओ
समा जाओ मेरी रूह में
उतर जाओ धड़कनों में
मेरी सांसों को महसूस करो
महसूस करो मेरे जिस्म की गर्मी
मेरी बाहों में पिघल जाओ
सुनो चंदा मेरी जाना
तुम्हारी जिंदगी में अब
मेरी भी हो गई आमद
मुझे अपना बना लो तुम
मुझे खुद में समा लो तुम
तुम्हारा प्यार हूं में
तुम्हे इसका पता होगा
तुम्हारी याद में अक्सर
तड़पता हूं, बिलखता हूं
सिसकता हूं,बिखरता हूं
तुझे अहसास है इसका
तेरी चाहत में में अक्सर
तेरी यादों में डूबा रहता हूं
सुनो राधा उठो जागो
तुम्हारा प्यार जागा है।।।।
© SYED KHALID QAIS
कृष्णा पुकारता है तुम्हे,
नींद के आगोश को छोड़ो
नरम बिस्तर को त्यागो
मेरे आगोश में आओ
मेरी बाहों में समाओ
समा जाओ मेरी रूह में
उतर जाओ धड़कनों में
मेरी सांसों को महसूस करो
महसूस करो मेरे जिस्म की गर्मी
मेरी बाहों में पिघल जाओ
सुनो चंदा मेरी जाना
तुम्हारी जिंदगी में अब
मेरी भी हो गई आमद
मुझे अपना बना लो तुम
मुझे खुद में समा लो तुम
तुम्हारा प्यार हूं में
तुम्हे इसका पता होगा
तुम्हारी याद में अक्सर
तड़पता हूं, बिलखता हूं
सिसकता हूं,बिखरता हूं
तुझे अहसास है इसका
तेरी चाहत में में अक्सर
तेरी यादों में डूबा रहता हूं
सुनो राधा उठो जागो
तुम्हारा प्यार जागा है।।।।
© SYED KHALID QAIS
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