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जब तुम मिले!
यही माह था
जब तुम मिले!
कुछ ना बोले मुख से तुम
नयनों ने भेद खोले थे
कोमल पुष्प को तुमने
मेरे मुख पर डाला था
चौंक के जब मैंने तुमको देखा
हृदय उस पल डोला था
तनिक सा जो मुस्काये तुम!
देख के तुमको जो शरमाये हम
यही माह था
जब तुम मिले!
प्रेम के हृदय में
दोनों के कमल खिले...
जब तुम मिले!
कुछ ना बोले मुख से तुम
नयनों ने भेद खोले थे
कोमल पुष्प को तुमने
मेरे मुख पर डाला था
चौंक के जब मैंने तुमको देखा
हृदय उस पल डोला था
तनिक सा जो मुस्काये तुम!
देख के तुमको जो शरमाये हम
यही माह था
जब तुम मिले!
प्रेम के हृदय में
दोनों के कमल खिले...
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