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राधा-कृष्ण
श्रीदामा का मिला श्राप ,आई धरती पे भूलकर कृष्ण का साथ
बरसाना में जन्मी राधा, आये कृष्ण मथुरा में देने राधा का साथ
कृष्ण को कंस का करना था वध, अयान जोड़ बैठा राधा के संग प्रेम संबंध
व्योमासुर को हरा कर कृष्ण ने तोड़ा राधा के साथ विवाह का बंधन,
कर पराजित मानवीय कमज़ोरी को लो शुरू हुआ राधा-कृष्ण का प्रेम प्रसंग
अयान से विवाह के लिए किया राधा को मजबूर ,बोली राधा की है वह लक्ष्मी का अवतार और हुई उससे दूर
किया विनाश कंस का मिलकर कृष्ण और बलराम ने, शेषा रूपी प्रीति कर बैठी रेवती से किया विवाह बलराम ने
कृष्ण ने किया विवाह रूक्मिणी के संग, बाद में किया विवाह सत्यभामा और जाम्बवती के संग
आया याद राधा को अपना असली पहचान 100वीं जन्माष्टमी के बाद,
याद करने अपने अतीत के प्रीति को लौटते हैं कृष्ण वृन्दावन और राधा बरसाना एक संग।
© Shreya tiwari
बरसाना में जन्मी राधा, आये कृष्ण मथुरा में देने राधा का साथ
कृष्ण को कंस का करना था वध, अयान जोड़ बैठा राधा के संग प्रेम संबंध
व्योमासुर को हरा कर कृष्ण ने तोड़ा राधा के साथ विवाह का बंधन,
कर पराजित मानवीय कमज़ोरी को लो शुरू हुआ राधा-कृष्ण का प्रेम प्रसंग
अयान से विवाह के लिए किया राधा को मजबूर ,बोली राधा की है वह लक्ष्मी का अवतार और हुई उससे दूर
किया विनाश कंस का मिलकर कृष्ण और बलराम ने, शेषा रूपी प्रीति कर बैठी रेवती से किया विवाह बलराम ने
कृष्ण ने किया विवाह रूक्मिणी के संग, बाद में किया विवाह सत्यभामा और जाम्बवती के संग
आया याद राधा को अपना असली पहचान 100वीं जन्माष्टमी के बाद,
याद करने अपने अतीत के प्रीति को लौटते हैं कृष्ण वृन्दावन और राधा बरसाना एक संग।
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