...

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माँ
RAAJ PREEET
💔💔
मतलबी दुनिया हशीन ख्याब सुलगते अल्फाज
नर्म लहजा अपनाकर यू माँ मुझे कुछ लिख जाना नही था
ना रिश्ते ना नाते ना अपने ना पराये दुख से सरोबार
यू ही PREEET को छौड कर जाना था तो
माँ PREEET को दुनिया मे लाना नही था
बचपन की ख्वाईश जवानी का प्यार
कुछ तो छौड ना था मेरे पास हर सपना
ना यार ना खुदा अपना ना पापा ना कोई शय और
इतना सब अलग होना था तो माँ
तेरे PREEET को किसी से दिल लगाना नही था
जाना तो था ही माँ सब एक दिन संसार छोडकर
माँ जिस तरह तुम छौड गई हो उस तरह भी जाना नही था
जानना चाहा था मै दुनिया को करीब से
अभी तक मैने खुद को भी जाना नही था
दुनिया मे मकान मै माँ कहीं भी बना सकता हूँ
सच लिखूं तो माँ तेरे आँचल के सिवा मेरा कोई आशियाना नही था
हाँ माँ यही हकीकत है तेरा PREEET लिखता है तुम पर ही सब कुछ
यह कोई शौंक नही मेरा माँ मुझे इस शायरी मे कभी ढल जाना नही था
यह छौटा सा सफर माँ जो भी गुजरा तेरे दुलार मे गुजरा
बहुत से लोग दुनिया मे जिन्हे अपनी माँ का चेहरा देख पाना नही था
हर दिन माँ तेरी याद मे दिन गुजरते है
यादो को इस कदर भी माँ तेरे PREEET को तडफाना नही था
💔