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मिलन की रात
बिन मौसम बरसात होगी
जिस रोज़ हमारी मुलाक़ात होगी
साहिल पर बैठें यूँ
सारी रात बात होगी
आलम भी बेताबी का होगा
लहरों का शोर होगा
खो जाएंगे एक दूजे में हम
जब तलक ना भोर होगा
तारों की बारात होगी
चाँदनी रात होगी
होठों के छुअन से
रूह की हर प्यास बुझेगी
पंछी भी ठहर जाएंगे
कारवाँ वहीं सजाएंगे
प्रेमी जोड़ों के मिलन का
सब मिलकर जश्न मनाएंगे
© Roshni Singh
#lovepoetry #myfeelings #writco
जिस रोज़ हमारी मुलाक़ात होगी
साहिल पर बैठें यूँ
सारी रात बात होगी
आलम भी बेताबी का होगा
लहरों का शोर होगा
खो जाएंगे एक दूजे में हम
जब तलक ना भोर होगा
तारों की बारात होगी
चाँदनी रात होगी
होठों के छुअन से
रूह की हर प्यास बुझेगी
पंछी भी ठहर जाएंगे
कारवाँ वहीं सजाएंगे
प्रेमी जोड़ों के मिलन का
सब मिलकर जश्न मनाएंगे
© Roshni Singh
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