...

19 views

शांत मन
शांत सा मन
ज्यों गर्म मौसम में
कभी कभी बहे शीत पवन
न जाने कब तक है
ये आलम
चलो जब तक है
तब तक रहो मगन
न जाने कब
कब कोलाहल मन का
बदल दे सारे समीकरण


© Geeta Dhulia