...

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कहीं हकीकत और ख्वाब के बीच.. ;
तू खूबसूरत सी अल्फाज़
किसी शायर के ज़ज्बात सी ।

मैं बेगाना सा शब्द
जैसे कि अर्थहीन सा बात कोई ।।

तू खूबसूरत सी चाँद
उस पूर्णमासी के रात सी ।

मैं अंधेरा सा खोया
जैसे कि अमावस की रात कोई ।।

तू खूबसूरत सी ख़्वाब
उस भूलते हुए धुंधले याद सी ।

मैं हकीक़त सा तस्वीर
जैसे कि टूटा हुआ ख़ाब कोई ।।

तू खूबसूरत सी प्यार
उस हिन्दी फ़िल्मों की पात्र सी ।

मैं सोचता सा रहा
जैसे कि हीर-रांझा का प्यार कोई।।


PS:- Somewhere in between reality and khaab,
Main itna najdik hokar bhi tumse bahot far ;

Pc:- Pinterest

© i'm V!kram 🌸