25 views
हाल ए दिल
हाल कुछ इस कदर हैं मेरा
फीका फीका सा था सब मेरा
मेरे खुदा ये तुमने मुझे कैसा बनाया
मिट्टी से बने हुए हैं हम फिर भी
ये कैसा रिश्ता है तेरा मेरा
यहां कोई और नहीं है तुम्हारे जैसा
यहां धूप और छाव है
तेरी इजाज़त की है
मेरी तो बस कस्ती है
कब किनारा हैं कब नहीं हैं
सब तेरी मर्जी है
हाल ए दिल की बात क्या करे
चांद तारों के बिना सूना सा लगता हैं आसमां
मेरे खुदा सांसों की माला में हैं विराम तेरा
जब तक है चलती रहेंगी तेरे ही भरोसे
क्योंकि तुमने दिया है ये संसार मेरा
#WritcoQuote #writcopoem
Related Stories
26 Likes
11
Comments
26 Likes
11
Comments