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दास्तान अपनी
दर्द से शुरू हुई थी दास्तां अपनी
क्या दर्द पर ही खत्म होगी यह कहानी अपनी
ख्वाब मुकम्मल होंगे या अधूरे ही रह जाएंगे
क्या खुशियों के दिन मेरे हिस्से में भी आएंगे
उम्र गुजर रही है इम्तिहानो में मेरी
क्या कभी मेरे भी खुशी के दिन आएंगे
वाकिफ है हर शख्स शख्सियत से मेरी
दिल तो किसी ने अभी देखा ही नहीं है
दर्द से ही शुरू हुई है दास्तां अपनी
क्या दर्द पेहि खत्म होगी यह कहानी अपनी
© afsharif 😘love is life 😘
क्या दर्द पर ही खत्म होगी यह कहानी अपनी
ख्वाब मुकम्मल होंगे या अधूरे ही रह जाएंगे
क्या खुशियों के दिन मेरे हिस्से में भी आएंगे
उम्र गुजर रही है इम्तिहानो में मेरी
क्या कभी मेरे भी खुशी के दिन आएंगे
वाकिफ है हर शख्स शख्सियत से मेरी
दिल तो किसी ने अभी देखा ही नहीं है
दर्द से ही शुरू हुई है दास्तां अपनी
क्या दर्द पेहि खत्म होगी यह कहानी अपनी
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