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माँ❤
की कैसे कर लेती है वो, कैसे सह लेती है हर बात,
मेरी तो जली रोटी भी उसको भा जाती हैं,
रखती-रखती सबका ख्याल,
वो कभी-कभी भूखी भी रह जाती हैं,
कोई काम मेरा रह जाने पर,
मै उस पर गुस्सा करती हु तो,
वो ये भी सह लेती है,
न जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
उदास होती तो कहानी आँखों में पढ़ लेती है,
वजह पूछती मुझसे और कहती बेवजह
तु तो यु मुस्कराती है,
फिर आज ये उदासी केसी है,
हर दर्द सहती कोई उसका हाल ना पूछता है,
मेरी उंगली जलने पर भी ,फुक देते हुए ,
तु रहने दे मै कर लुंगी कहती हैं,
ना जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
सूरज की सुबह होने से पहले वो खुद जाग जाती हैं,
चीख सुनके हमारी , हमे फिर वो खाना बनाती है,
छोटी सी गलती पर वो सबकी पुकार सुनती है,
सब कुछ सहती है, ना जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
स्कूल से आकर चाहे काम कुछ न हो उससे,
फिर भी पूछते हैं, की माँ कहा है,
फिर वो हमको गले लगाकर,
हमको शिक्षा का पाठ पड़ाती है,
धूप,बारिस सब बांध लेती है अपने पल्लू मे,
की मेरे बच्चो को न लग जाए कहकर,
हमारा हाथ थाम लेती है,
सब कुछ सहती है न जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
पापा के कपड़े कभी गलती से गन्दे रह जाते तो,
वो माँ को डाट लगाते हैं,
और मेरी माँ को देखो...
वो अपने साड़ी के पल्लू से पूरा घर पोंछ लाती हैं,
हमारी नादानी से लेकर पापा की लडाई तक
सब कुछ सहती है,
और अपनी इस मसुमियत पर वो...
हर बार मुझे लिखने पर मजबूर कर देती हैं,
न जाने मेरी माँ ये सब कैसे कर लेती है....
maa❤
#missing🥺
#momslove❤
© Deepika Agrawal_creative
मेरी तो जली रोटी भी उसको भा जाती हैं,
रखती-रखती सबका ख्याल,
वो कभी-कभी भूखी भी रह जाती हैं,
कोई काम मेरा रह जाने पर,
मै उस पर गुस्सा करती हु तो,
वो ये भी सह लेती है,
न जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
उदास होती तो कहानी आँखों में पढ़ लेती है,
वजह पूछती मुझसे और कहती बेवजह
तु तो यु मुस्कराती है,
फिर आज ये उदासी केसी है,
हर दर्द सहती कोई उसका हाल ना पूछता है,
मेरी उंगली जलने पर भी ,फुक देते हुए ,
तु रहने दे मै कर लुंगी कहती हैं,
ना जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
सूरज की सुबह होने से पहले वो खुद जाग जाती हैं,
चीख सुनके हमारी , हमे फिर वो खाना बनाती है,
छोटी सी गलती पर वो सबकी पुकार सुनती है,
सब कुछ सहती है, ना जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
स्कूल से आकर चाहे काम कुछ न हो उससे,
फिर भी पूछते हैं, की माँ कहा है,
फिर वो हमको गले लगाकर,
हमको शिक्षा का पाठ पड़ाती है,
धूप,बारिस सब बांध लेती है अपने पल्लू मे,
की मेरे बच्चो को न लग जाए कहकर,
हमारा हाथ थाम लेती है,
सब कुछ सहती है न जाने माँ ये कैसे कर लेती है,
पापा के कपड़े कभी गलती से गन्दे रह जाते तो,
वो माँ को डाट लगाते हैं,
और मेरी माँ को देखो...
वो अपने साड़ी के पल्लू से पूरा घर पोंछ लाती हैं,
हमारी नादानी से लेकर पापा की लडाई तक
सब कुछ सहती है,
और अपनी इस मसुमियत पर वो...
हर बार मुझे लिखने पर मजबूर कर देती हैं,
न जाने मेरी माँ ये सब कैसे कर लेती है....
maa❤
#missing🥺
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