...

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ऐ जिंदगी...🖤
बचपन में सुना वो हर किस्सा अब झूठ लगती है
साल साल मायुषी में डूबे ये दिल अब ख़ुशी नहीं सिर्फ गम चाहती है.
ना दे कोई मौका मुझे ऐ जिंदगी
अब मुझे खुद ही नहीं पता मुझे क्या चाहिए
मत आज़माँ मुझे हर मोड़ पे
ये दिल के हालात कुछ गंभीर है
यहां खुद के लिए नहीं मगर
दूसरों के लिए जिया जाता है
लेकिन सफ़र मैं बेसक
अकेला चलना पड़ता है.
जिंदगी के सफर में
संघर्ष तो सिर्फ दिलों के होते हैं
गिरते-गिरते अब संभलने से भी खौफ आती है
कुछ समझ नहीं आती तेरी तौर तारिके ऐ जिंदगी
आख़िर तू समझना क्या चाहती है.