...

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बेशुमार इश्क़
बेशुमार इश्क़ है तुमसे कैसे मैं ब्या करूँ
दिल चीर के दिखाऊँ की जान तुझपे कुर्बान करूँ

जान तुम जानेजहाँ मेरे ख़यालो के सरताज हो
मेरे आँखो के चैन मेरी लबों की मुस्कान हो

तेरी याद जब आती है उड़ने लगती हुँ मैं हवा की तरह
सिली सिली तेरी सौंधी सी खुश्बू महकाने लगे सांसो को मेरी

प्यार तेरा पाके मैंने सपनोँ का सारा जहाँ पा लिया
दिल धड़क जाता है जोरो से तेरे नाम का नाम कोई है जो पुकारता

पता नही कैसे मेरे हाथों की लकीरों में तेरा नाम छप गया
मेरे सोलह श्रृंगार अब से मैंने तेरे नाम कर दिया

आँखो का कजरा तुझे पुकारे बालों का गजरा तुझे बुलाए
संगीत के सात सुरों सा अहसास तेरा मेरे रोम रोम को खिला जाए

सुकून तुम मेरी जिंदगी का रब की अरदास सा तू
पूजा में चढ़े फुल सा साथ तेरा मन्नत के धागों सा तू

अरमान अब मेरी कुछ ना बची तुझे पा लेने के बाद
आखरी सांस मेरी तेरी बांहो में निकले आरजू इतनी है अब बस