...

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आश...!!!
मेरी तुम्हारी कहानी
कहने को तो 1 साल हो गया हमे एक साथ
sry साथ नहीं बात करतें...!!!
सोचो मेरी आश अब भी तुम हो
हम दोनों ना आज तक मिले ना कभी इक दूसरे देखा सीवा dp के
इक दो बार call किया था उसने वो भी अपनें मतलब के लिए
मुझे उस पर यकीन नही है अब
प्यार था इसलिए दिल यकीन करता है
मुझे बस बहाने मिले
सुनाऊंगा किस्से तो लोग हसे गे
और जग हंसाई मुझे नहीं करना तुम जो चाहती हो वही हो....!!!
शक नही करता में तुम पर
तुम खुद सोचा क्या में गलत हूं
में तो आज भी तुम्हारे घर आ सकता हूं
मगर ये तुम नही चाहती
मेरा एक ही कहना है किसी को आस में न रखो
जो है बोल दो...!!!
दुनियां में कमी नही हैं किसी की भी
में तो जब चाहें ये कर सकता हूं...!!!

तुम्हारे लिए कुछ लाईन आखरी ही समझो इसे अब

क्या तुम दे सकती हो मुझे अपना प्रेम.. नहीं
अपनें दिल का कोमल सेज या फिर
अपनी सलोनी आंखे
मेरे बोले पन के लिए... नहीं jan

क्या तुम दे सकती हो...
अपनें हाथों की कलाइयां मेरे नाम की मेहंदी के लिए अपनें पाजेब की टूटी कड़ियां
इन अधरो को
तुम्हारे पैरों पर सजाने के लिए
या फिर
अपनें आंचल का एक छोर
जिंदगी की इस तपती दुपहरी के लिए
सिंदूरी छाव के लिए...!!! नही jan

क्या तुम दे सकते हो

मुझे वो साहस
जिससे मांग सकू तुम से
अपनें हिस्से का प्रेम
तुम्हारे सौंदर्य से कर सकू सृंगार
अपने सब्दो का
तुम कुछ नही दोगी मुझे पता है

© 𝔩𝔬𝔱𝔲𝔰19.🪷