...

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दूर तुमसे हो चले
आया है यह कैसा समय , की जो हम दूर तुमसे हो चले।
अपने दिल में रखकर पत्थर ,तुमसे रिश्ता तोड़कर है चले।

है मेरी कुछ मजबूरियाॅं ,जो हम तुमको नहीं बता है सकते।
हम तो हैं दुखी ,पर हम तुमको दुखी नहीं करना है चाहते।

तुम हमेशा खुश रहो , हम बस तुम्हें खुश देखना है चाहते।
हम साथ रहे ना रहे ,पर तुम्हारे लिए दुआऍं माॅंगते हैं रहते।

हम भी तो इस जन्म में,तुम्हारा ही साथ निभाना थे चाहते।
शायद किस्मत को मंजूर ना था,इसलिए टूट गए यह रिश्ते।

क्या बोलूॅं मेरी किस्मत ने,मेरे साथ ऐसा गंदा खेल है खेला।
ना चाहते हुए भी , हमें तुम्हारा दिल तोड़ के जाना है पड़ा।