...

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रोते हुए को क्या कोई अपना पाया है.............
रोते हुए के पास भला कोई आ पाया है ,
मुरझाए हुए फूल को क्या किसी ने तोड़ना चाहा है ।
खिले फूल ने सब का दिल बहलाया है ,
इसलिए खुश रहना सीख , खुश रहने वाले को हर किसी ने अपनाया है ।

मत कर घमंड दरिया की तरह जो थोड़े पानी में ही अपनी सीमा लांघ देती है ,
बन समुद्र की तरह , क्या कोई उसे विचलित कर पाया है।

रोते हुए को क्या कोई अपना पाया है ।
तो लिख दे दास्तां अपने होंसला से ,
क्या साहसी को कोई रोक पाया है।
निकल पड़ अपनी मंजिल की तरफ , मत होना निराश
क्योंकि मानव बिना पंखों के भी उड़ पाया है ।
सीख खुश रहना , खुश रहने वाले को सब ने अपनाया है..................


© @herry