...

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सबसे बड़ा भगवान - माँ ..
एक दिन अचानक जब नींद से जागा था,
सामने देखा तो यमदूत खड़ा था।

उसने कहा चल तुझे लेने आया हूं,
तेरा समय पूरा हो गया है इस धरती पर,
तेरे गुनाहों कि सजा तुझे दे के,
तुझे नया जनम देने आया हूं।

नए जनम की बात सुनकर मुझे माँ का चेहरा नजर आया,
दिल दर्द से करहा उठा,
और आंसुओ का सैलाब उमड़ आया।

मैंने सोचा अगर यमदूत मुझे ले गया तो मैं माँ से बिछड़ जाऊंगा,
माँ के बुढ़ापे की लाठी तक ना बन पाऊंगा ।

माँ से जुदा होने की बात मुझसे सही ना गई,
मेरे दिल ने माँ को आवाज लगाई।
वहाँ यमदूत जल्दबाजी कर रहा था,
और मैं यहाँ मन - ही - मन मां को याद कर रहा था।

कुछ देर बाद पीछे देखा तो माँ खड़ी थी,
मेरे और मौत के बीच दीवार बन कर अड़ी थी।

माँ की गुस्से से लाल आँखें देख ,
वह यमदूत भी थर्रा गया।
माँ के आंचल का सुरक्षा कवच,
वह भी ना तोड़ पाया।

अपनी हार होते देख ,
यमदूत वापस यमलोक लौट गया।
मेरी माँ के आंचल ने मौत का रुख भी मोड़ दिया।

अचानक माँ कि आवाज सुनकर मेरी आंख खुली,
ये सपना था मेरा , ये मैंने पाया,
मैंने झट्ट - से माँ को गले लगाया ।

तब मैंने माँ से कहाँ ," आज तेरे सामने यमदूत भी झुक गया,
तुने मेरी मौत का रुख भी मोंड दिया ।
माँ तु ममता का समंदर और दुवाओं का आसमान है,
तु इस जहाँ का सबसे बड़ा भगवान है " ।


© Dimpi