...

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तेरे इंतज़ार में राख होकर भी इंतज़ार में है
राख हुआ इंतज़ार में तेरे लेकिन
निशान ए वफ़ा बनकर बाक़ी हूं
तू आएगा ज़रूर देखने मुझको
ज़रूर रंज होगा इस में देख कर तुझको
बता क्या कसूर मेरा जो तू ना आया
मैं एहद ए वफ़ा की सरहद को छू आया
सुन अब ना कहना के मैं पलट के
ना आया
जो कहा था तूने मैंने उसको अंजाम
तक पहुंचाया
अब तू आया है तो सुपुर्द ए ख़ाक
कर जाना
मेरी लहद पर इंतज़ार की इंतेहा
ज़रूर लिख जाना
हुआ जो मेरे साथ ना हो वो किसी
के साथ या रब
तू अख़्तर मेरे हाल को देख कर बस
सब्र कर जाना
© sydakhtrr