...

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आप जो आए जिंदगी में...
आप जो आए जिंदगी में तो बात बन गई,
एक कविता भी नगमा बन गई है
एक अधूरी ग़ज़ल को नाम मिल गया
जाने कब ये मुलाकात बन गई,
आप जो आए जिंदगी में सुबह से शाम ढल गई
ना रहा होश ना रही खबर
दिल से शाम ढल गई है
न जाने कब दबे एहसास फिर से फिसल गए ,
जाने कब यह हवा का रुख बदल गया,
एक पत्थर सा दिल मोम सा पिघल गया,
हाय यह आइसक्रीम कब पिघल गई,
न जाने कब यह अधूरे शब्द,
एक खूबसूरत कविता बन गए,
भटके मुसाफिर को एक मंजिल मिल गई,
जाने कब आप दिल पर दस्तक दे गए,
जाने कब ये बेगाना दिल किसी का हो गया,
न जाने कब यह दिल बेकरार हो गया ,
तुमसे प्यार हो गया
जानेजा इज़हार हो गया...
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