...

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No Title
हर कदम जो पीछे बढ़ा रहा हूँ
तुझे खोता जा रहा हूँ पर खुद को पा रहा हूँ
तोड़कर घरिंदे औरों के हमें आशियाना नहींं बनाना,
दुनिया करती होगी ऐसा हमें दुनिया - सा नहींं बनना
राहों में जो मिलेंगे सनम मुलाकातें होंगी मुकम्मल
सोचें के मिलेंगे हम कुबूल नहीं है अब
दिल रखा सिरहाने दिमाग दौड़ाया
तब जाके जिंदगी संभाल पाया
पर दिल भी हमारा बेगाना नहींं निकला
अपने लिए नहींं गैरों के लिए फिसला
और फिसला ऐसा के गिरा और गिर के खुद ही संभला
- हालात संभल जाते हैं जो इरादा कर रखा हो
गिरे हुए उठ जाते हैं जो हिम्मत बाकादा हो

accept small loss of yours if it can save something big for somebody else

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