...

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💔दर्द और दिखावा💔
दर्द को छुपाने के लिए , हँसी दिखानी पड़ती है..
हँसी को भी ख़ुद से , बेवफ़ाई करनी पड़ती है..!

छलक ना जाए एहसास , आँखों से आँसू बन कर..
उन्हें आँचल के आगोश में , छुप जाना पड़ता है..!

दिन के उजालों में भी , तन्हा नहीं हैं हम..
बात है इतनी सी , पर यकीं दिलाना पड़ता है..!

बात जब आती है , रातें गुज़ारने की..
तो तकिये से भी , हाल ए दिल छिपाना पड़ता है..!

यूँ तो हैं हम, भरी मेहफ़िल के संग..
फरेबी नज़रों से, नज़र बचाना पड़ता है..!

है भीड़ यहाँ इतनी, की साँसे लेनी है मुश्किल..
फ़िर भी , कदम को देहलीज तो पार करना ही पड़ता है..!