...

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क्यू आती है
क्यू आती है तेरी याद
भूलना तो चाहती हु मगर भूल क्यू नही पाति हु
क्यू आती है तेरी याद
कैसे भुलाऊ इस टूटी हुई दोस्ती का दर्द
वैसे भी दर्द तो बहुत है मगर तुम ने दिया है उससे कम है
रोते रोते थक जाती हु खुद को हि खुद कभी कभी संभाल नही पाती हु
क्यू आती है तेरी याद
तु खुद तो चली गई मगर ये यादे क्यू न ले गई अपने साथ
कभी तेरी मेरी जोड़ी क्या खूब थी न
रोते थे तो एक दूसरे को चुप कराते थे
मगर आज खुद एक दुसरे के आंसू की वजह बने हुए है
शायद हि कोई दिल जोड़ना सिखा होगा
मगर दिल तोड़ना कोई तुझसे सीखे
बखूबी निभाया न तूने ये रिश्ता
सच कहु तो अब भरोसा हि उठ गया है
इस दोस्ती नाम के चीज़ से
क्यू आती है तेरी याद

it is not just a poem ,it is my experience
that nobody is your in your life
who is agree ❓❓❓❓
plz comment
© Goldi Singh