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बारिश की बूंदे
बरस रही है मुझ पर ऐसा महसूस होता है
बारिश की बूंदों का करम मुझ पर होता है एहसास तड़पते है भीग कर इस बरखा में
उसके बेरूखे अंदाज़ का वार मुझ पर रह रह कर होता है
कहूं किस से ये हाल मैं जाकर अख़्तर अपना
दर्द मेरा है और इस से अब सामना रोज़ मेरा होता है
बूंदे बारिश की बरसती है हमदर्द बनकर
मेरे आंसुओं का तर्जुमा शायद इसी तरह से होता है
#Raindrops
© sydakhtrr
बारिश की बूंदों का करम मुझ पर होता है एहसास तड़पते है भीग कर इस बरखा में
उसके बेरूखे अंदाज़ का वार मुझ पर रह रह कर होता है
कहूं किस से ये हाल मैं जाकर अख़्तर अपना
दर्द मेरा है और इस से अब सामना रोज़ मेरा होता है
बूंदे बारिश की बरसती है हमदर्द बनकर
मेरे आंसुओं का तर्जुमा शायद इसी तरह से होता है
#Raindrops
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