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भगवान से संवाद! ( Message of Almighty)
जो समय किसी और को देते हो , एक बार खुद को देकर देखो,! जीवन सुलझा हुआ प्रतीत होगा,,

जो तुम्हारा है नही उसपर अधिकार कैसा,
उससे खो देने के दुख में जीवन को खत्म समझने की कोई आवश्यता नहीं, मेरी माया बड़ी प्रबल है, समय के साथ सारे दुख भुला देती है,

दो वर्ष अपने को समय दो पार्थ!! जीवन में नई दिशा मिलेंगी!!

मैं जन्म के पहले से, जीवन के प्रत्येक समय पर तुम्हारे साथ हूं और आगे भी रहूंगा!!
मेरी मित्रता पाकर फिर दुनिया में मित्र और प्रेम ढूंढने की क्या आवश्यकता?

जीवन बड़ा है पुत्र, ना जाने कितने संबंध बनेंगे कितने संबंध टूटेंगे, कितने प्रिय जन तुमसे दूर चले जाएंगे, तुम्हे जीवन में खालीपन लगेगा किंतु फिर भी तुम अपना कर्म करते जाना!!

ढूंढ लो प्रेम और मित्र जगत में !
समय के प्रभाव में
किसी को तुम छोड़ दोगे
तो , कोई तुम्हे छोड़ अपने जीवन में आगे बढ़ेगा,,
कितनो की याद में अश्रु बहाओगे?
अंत में तुम्हे एहसास होगा,
की मेरे अलावा वो कोई नही था
जो आया वो भी ,
जो गया वो भी ,
और वो इस क्षण तुम्हारे साथ है
वो भी मैं ही हूं!!

भविष्य जानकर , वर्तमान में उदास मत हो,
हर एक पल को जियो ,
कोई तुम्हारे समीप आए ,
तो उसे मेरा उपदेश करो
उसके जीवन में उसका भोग नहीं करो
बल्कि मेरी कृपा से ,उसके हित करने की सोचो
और कुछ न कर पाओ
तो , मुझे अपने अंदर महसूस करके
मेरी दिव्यता को स्मरण कर
मेरा नाम ले ,
कहो , श्री कृष्ण तुम्हारा कल्याण करें!

अपने राज मेरे से कहो ,
मैं सुनता हूं, तुम्हारी आवाज़ को
और तुम्हारे शांत चेहरे की पीड़ा को !
मैं तुम्हे एक एहसास दिलाता रहूंगा
की मैं सदैव तुम्हारे साथ हूं,
किंतु, कर्म तो तुम्हे करना ही पड़ेगा,!

मानव देह में कोई सुख नहीं ,
सुख है , मन की पवित्रा में
आत्मा के संबंध में ,
देह की आभा, मेरी माया से आकर्षित प्रतीत होती है, ये आभा भी नाशवान हैं,,
मानव का प्रेम , देह की सुंदरता से नही
आत्मा की पवित्रता से होता है,
तभी तो कुरूरूप से कुरूरूप नारी भी,
एक नवजात शिशु को
मां के रूप में सदैव सुंदर दिखाई देती है!!

- तुम्हारे आत्मा का स्वामी और तुम्हारे भावना का मित्र

- वासुदेव श्री कृष्ण!!




© Mayank Kumar Kasaudhan