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पहली मुलाकात में उसकी मर्ज़ी से उसपर, उससे ज़्यादा हक़ जानते को भूल जाना... आसान है क्या ?

पहली बार किसी से की हुई बातों का बहुत खास हो जाना और फिर उसे यूं ही भूल जाना... आसान है क्या ?

पहली बार किसी को मुस्कुराता देख उसकी आंखो में खो जाने के एहसास को भूल जाना... आसान है क्या ?

पहली बार किसी के साथ गुज़ारे हर पल में मिले बेइंतहा सुकून को भूल जाना... आसान है क्या ?

पहली बार किसी के हाथ थामने पर वो धड़कनों के थमने के एहसास को भूल जाना... आसान है क्या ?

पहली बार किसी से बात न होने पर सहन न कर पाने वाली उस बेचैनी को भूल जाना... आसान है क्या ?

पहली बार किसी को पाने की तमन्ना न रखकर बस उसी के हो जाने के जुनून को भूल जाना... आसान है क्या ??

।। एहसास-ए-जुदाई ।।