...

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बूढ़ी अम्मा भाग ५
डॉक्टर सौभ्य को बताते हैं उनकी हालत में सुधार हुआ है।शायद ये जल्दी ही बोलने लगे।
सौभ्य और कोयली बहुत खुश होते हैं।
कोयली क्या तुम मुझे मेरी माँ के साथ मेरे घर छोड़ दोगे।सौभ्य थोड़ा उदास हो कहता है कुछ दिन और
ठहर जाते।
सौभ्य ...मुझे पता है तुम्हारे पिताजी चिन्ता कर रहे होंगे।
एक काम करते हैं तुम्हारे पिताजी से बात करता हूँ।
शायद वो मान जाएँ।
कोयली कहती है नहीं वो नहीं मानेंगे।
सौभ्य माँ का समान समेटता है।
बूढ़ी अम्मा के आँखों में आज आँसू थे।
जैसे बहुत कुछ उनका पीछे छूट गया हो।
सौभ्य कोयली से कहता है तुम इनकी देखभाल करने वाली को साथ ले जाओ।इसे पता है माँ को
कब क्या देना है।
कोयली.. साब आप लोग बड़े लोग हैं बड़ी बड़ी बातें हैं।हम लोग अपना ही गुजारा कर लें वो ही बहुत है।
सौभ्य को पता था वो पैसे देने की बात करे तो भी
कोयली मना कर देगी।
सौभ्य कोयली और उसकी माँ को उनके घर छोड़
देता है।
कोयली सौभ्य को अन्दर आने के लिए कहती है।
सौभ्य कोयली से पूछता है तुम्हारे पिताजी घर पे हैं।
तभी आवाज आती है अब तक तू कहाँ मर रही थी।
कोयली के पिताजी कोयली की माँ को देख कर कहते हैं।कोयली की तरफ देखकर कहते हैं..
तुझे कहाँ मिली ये।
अभी कोयली के पिताजी की नज़र सौभ्य पर नहीं
पड़ी थी।
कोयली कहीं सौभ्य सुन न ले इसलिये सौभ्य से कहती है..पिताजी ने शायद आज दिन में ही पी ली है।
सौभ्य कोयली से कहता है मुझे नहीं लगता तुम दोनों को सम्भाल लोगी।
कोयली सौभ्य की तरफ देखकर कहती है।
साब आप तो हैं न फिर मुझे किस बात की चिन्ता है।
© Manju Pandey Choubey