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खून से बड़ा कोई रिश्ता नहीँ होता
इश्क़ में अकेले तुम ही तो गुनाहकार नहीं थे
तो अकेले खुद को ही तूने क्यों सजा देनी चाही
अपने से पहले अपनों के बारे में तो कम से कम सोच लेते
अरे किसी के लिये नहीं पर
अपने माता पिता के बारे में सोच लेते
जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया उनको याद कर लेते
जिनकी ऊँगली पकड़कर तुम चलना सीखे
जिनके आँचल के छांव चले खुद को महफूज पाते थे
उन्हीं के लिये एक बार सोच लेते
सब कुछ तू ये कैसे भूल गया
शर्म नहीँ आयी तुझे ऐसा करते हुये
एक अजनबी को अपना कह गया
और अपनों को पराया कर गया
उसी को तू अपना हमनवां समझ गया
जिसने तेरे प्यार को ना समझा ना जाना
उसी के लिये ही अपने आप को तू खत्म कर दिया
क्या बीती होगी तेरे अपनों पे
तेरे दोस्तों पे जानने वालों पे
जो तूने ऐसा दिल दहलाने वाला कदम उठा लिया
किसी के बेवफाई के वजह से खुद से ही रूठ गया
हमेशा2 के लिये अपनों को अलविदा कह गया..

मेरी ये पोस्ट उन लोगो के लिये है
जो खून के रिश्ते को भूल कर
ऐसे रिश्ते को अहमियत देते है
जिनकी उनके जीवन मे उनका कोई वजूद नही होता
तो कुछ भी करे सोच समझ कर करें
आपके ऐसा करने से कोई जीते जी मर जाता है
तुम तो चले जावोगे पर जो पीछे है तुम्हारे उनका जीवन
अंधकार में हो जायेगा