...

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मृत्यु....!!!
जन्म से पहले करते से बच्चे के स्वागत की तैयारी
उसके झूले कपड़े बर्तन की करते खरीदारी...!!!

इसका जन्म पाते ही घर में खुशियां खुब मनाते
नामकरण पर रिश्तेदारों को प्रतिभोज खिलाते...!!!

शादी की तैयारी में भी सारा परिवार जुड जाता
उपहार खरीदें जाते कोइ नए वस्त्र सिलाता..!!!

सब तैयारी के बाद जब दिन शादी का आता
खुशियां सब मनाते हर कोई मुस्कुराता...!!!

लेकीन मृत्यु के वक्त क्यों मन में उदासी छाती
ना चाहते हुए भी सबकी आखें आशू क्यों बहाती

कारण इसका जानने का आओ हम प्रयास करे
घटित अवस्य होनी है फिर मृत्यु से हम क्यों डरे...!!!

अचानक हुए घटना कै लिए ना होते हम तैयार
इसलिये ना कर पाते उसे दिल से स्वीकार..!!!

मृत्यु भी सबके जीवन में अचानक ही होती हैं
इसलिए तो हम सबको स्वीकार नही हो पाती..!!!

मृत्यु है अटल सभी की दिल से कर लो स्वीकार
सबको ले जानें के लिए वो रहती हैं सदा तैयार..!!!

आत्मा है अमर कृति है कुछ पल का विराम
पुण्य जन्म से पहले आत्मा करती हैं थोडा आराम

मृत्यु नही अंत हमारा ये तो केवल मात्र पड़ाव
मृत्यु के द्वारा होता हम सब के तन का बदलाव

विश्व नाटक मंच पर हर आत्मा चरित्र निभाती
देह रूपी वस्त्र बदलकर भिन्न भिन्न पार्ट बजाती

मन से इसका भय निकालो मृत्यु से क्या डरना
नवजीवन पाना है सबको ना समझो इसे मरना


© 𝔩𝔬𝔱𝔲𝔰19.🪷