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जलेबी
अपने जीवन में मैंने शायद एक ही बार चोरी की है और वह भी पकड़ी गई!
हमारे विद्यालय के बगल में एक जलेबी का पेड़ था।
जिस पर बहुत सारे लाल-लाल जलेबी लगे हुए थे जो देखने में काफी रसीले और मीठे लग रहे थे।ना चाहते हुए भी मेरा ध्यान क्लास के बीच में भी उस पेड़ की तरफ उठ जाता था। जो मुझे लालायित करता था।फिर मैं एक दिन मौका देख कर जलेबी तोड़ने लगी ।अभी दो चार ही फल मैं तोड़ पाई थी कि पीछे से शारदा देवी का कड़क आवाज ने मुझे चौंका दिया अरे मास्टरनी जी आप ..! अगर मुझे पता होता कि आपको जलेबी पसंद है।तो मैं आपके घर भिजवा देती..!! यूं बच्चों की तरह छुपकर तोड़ने की क्या आवश्यकता थी...??वैसे कभी-कभी अपने अंदर के बचपने को बाहर निकाला बुरी बात नहीं होती है...!! और वो मुस्कुराते हुए वहां से चली गई ..!!
किरण