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सोशल मीडिया और जय मौसी संवाद
जय : मौसी, अच्छे लेखकों को प्रोत्साहित कर दिया करो। दुआएं लगेगी।

मौसी: देखो बेटा, सबके पोस्ट पढ़ती हूं, कमेंट भी करती हूँ। हर किसी के पोस्ट पर जाती हूँ, पर लोग मेरे पोस्ट का रास्ता भूल जाते है।

जय: अरे मौसी! बाबू शोना में व्यस्तता के कारण लोग आपकी पोस्ट पर नही आ पाते होंगे। वैसे दिल से सभी आपको चाहते है।

मौसी: अब बाबू शोना का चक्कर भी चलने लगा है क्या यहां?

जय: चक्कर तो नही बोल सकते मौसी, ये शुद्ध प्रेम है। नादान मन है तो चार पांच से सच्चा प्रेम हो ही जाता है, फ़िर समय नही बचता।

मौसी: बेटा, अब इस बुढ़िया को मत समझाओ, प्रेम तो एक ही से होता है।

जय: मौसी, आप नही समझोगी, आपको नही पता कितना मेहनत करते है बेचारे! हर किसी से बैलेंस बना के रखना होता है, फिर दूसरे सोशल मीडिया से पोस्ट लाकर इधर चिपकाने भी होते है

मौसी: तो क्या ये लोग चोरी भी करते है?

जय: राम राम मौसी। इसके लिए कॉपी पेस्ट नामक सम्मानित शब्द है। वो भी तभी करते है जब खाली बैठे हो

मौसी: तो क्या ये लोग वेल्ले भी है?

जय: अरे मौसी, दोस्तो को समय देने के लिए हर जगह से लड़ झगड़ के आते है यहाँ, कोई घरवालो के ताने सुनता है तो कोई रात भर जग के पोस्ट बनाता है। कोई आफिस से भी समय निकाल लेता है तो कोई चटकारे लेने के लिए 24 घँटा उपलब्ध रहता है

मौसी: हाय दईया, अब ये सम्मानित लोग चुगली भी करते है क्या? मुझे तो लगा था कि सब साफ सुथरा है यहाँ?

जय: अरे मौसी! अब सबकी खोज खबर लेना मानवता है ना? एक एक कमेंट के थ्रेड को खोलकर पढ़ते है। ताकि सामने वाले के सुख दुख में भागीदार बन सके। कमेंट के रिप्लाई से पूर्वानुमान भी लगा लेते है कि किसकी सेटिंग किसके साथ चल रही है। कोई कोई यहाँ से गायब भी तभी होता है जब मनवांछित व्हाट्सएप्प नंबर प्राप्त कर ले।

मौसी: बेटा, मुझे भी अब सब समझ मे आ रहा है। ब्लॉक अनब्लॉक, इनबॉक्स, इग्नोर, पोस्ट में रोना रोज वॉच करती हूँ।

जय: फिर तो इन बेचारों को प्रोत्साहित कर ही दीजिये!

मौसी: अब यहाँ से जाते हो या उठाऊं डंडा, जिनकी तरफदारी करने आये हो उन्हें अभी ब्लॉक मारती हूँ, और साथ मे तुम्हे भी!!

जय: अरे मौसी 🤦🤦