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ओ हसीना जुल्फों वाली
एक महिला से मिली नाम था उसका जया बहुत ही खूबसूरत दिल से, दिमाग से और देखने में भी दिखाई देती है |
जया महाराष्ट्र में रहती है ।जया के बाल बहुत ही लंबे घने और खूबसूरत हैं। जया अपने बालों से बहुत प्यार करती है उनमें उसकी जान बस्ती है क्यूंकि वो बाल उसकी माँ ने बहुत मेहनत से बढ़ाए थे और जया की माँ अब इस दुनिया में नहीं रही ,जया अपनी माँ से बेहद प्रेम करती है और जया के पति जया से बहुत प्रेम करते हैं जया के पति जया के बालों की वजह से बहुत प्रेम करते हैं वो हमेशा जया के बालों को देखते हैं और उनकी आंखों में एक चमक दिखाई पड़ती है जिसे देख जया मंद मंद मुस्काती है और खुशी से झूम उठती है अंदर से बहुत प्रेम है पति पत्नी में वो दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। कभी-कभी जया से उनके पति जलते भी है क्योंकि जया अपने बालों की ही देखभाल करती रहती है क्योंकि जया की उनमें जान बस्ती है ,बहुत खुशनसीब है जया जो उनको उनका प्रेम करने वाला पति मिला ,और इतने सुन्दर बाल।

जया के जीवन में एक अजीब सी बात हुई, एक दिन जया के पास एक फोन कॉल आया उसने हैलो किया तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया फिर जया ने fake कॉल समझ कर रख दिया फिरसे फोन बजा फिर उसमें से किसी की सांसो की आवाज़ आई जया की न जाने अचानक से दिल की धड़कन जोर से धड़कने लगी उसे लगा जैसे कोई जान पहचान का इंसान है फ़िर जया ने झट फोन रख दिया और फिर फोन को अपने सीने से लगा लिया फिर जैसे फोन रख कर आगे बढ़ी फोन की घंटी फिर बजी झट से भाग कर फोन लपक लिया और आवाज आई जया आज इतनी ज़ल्दी फोन कैसे उठा लिया तो खूब हसने लगी खुद में ही और अपना हाथ माथे पर मारा फिर बात करने लगी और फोन रख दिया। जानते हो वो कौन था उसका पति।

एक दिन जया अपने बालों को सहलाते हुए शीशे में देख रही थी और खुश होकर मुस्करा रही थी उसे अचानक से याद आया कि कॉलेज के दिनों में एक लड़का उससे बहुत पसंद करता था पर सोचा वो अब क्यूँ फोन करेगा सोच कर कहने लगी जाने दो। फिर एक दिन जया खाना बना रही थी अचानक से उसे आवाज़ आई अपने पैट डॉग गोल्डन retrieval जोर जोर से भौंक रहा था जया को बहुत अजीब सा लगा सोचा पहले तो कभी उसने अपने कुत्ते को ऐसे कभी भौंकते हुए नहीं देखा भागी हुई सीढ़ियों से उतरकर आई तो देखा कुत्ते के मुह में एक काग़ज़ था और जया घबरा गई और अजीब सा मेहसूस हुआ फिर कुत्ते को सहलाया और उसके मुँह से काग़ज़ निकाला और जब खोला तो उसने देखा उसमें लिखा था आई लव यू जया, जया एकदम सकपका गई और झट से काग़ज़ को छुपा लिया और जया को रात भर नींद नहीं आई सोचते सोचते सुबह हुई और देखा सुबह हो गई !जया के पति पूछने लगे आज इतनी थकी हुई क्यूँ लग रही हो ? जया ने आँख नीचे करते हुए कुछ भी तो नहीं अपने बाल बांधते हुए जाने लगी तो पति ने हाथ पकडा और करीब खींचा और प्यार से माथे पर चूमा और जया धत करके चली गई और बाथरूम में जाकर दांतों से नाखुन चबाने लगी फिर अपने आप को शांत किया और भूल गई उस बात को।

कुछ दिनों बाद जया मार्केट जा रही थी सब्ज़ी लेने एक बच्चा आया और पीछे से धीरे से हाथ लगाने लगा जया जोर से डर गई और मूड कर देखा तो एक छोटा बच्चा इशारा करते हुए कहने लगा कि आपको वो बुला रहे हैं भीड़ में कुछ दिख नही रहा था उसने उस बच्चे से फिर पूछने के लिए पीछे मुड़ी तो देखा वो बच्चा गायब और फिर दूसरी ओर वापस से मुड़ी तो एक लंबा सा आदमी सफेद कमीज और काली पतलून पहने हुए था जया समझ नहीं पा रही थी आखिर ये चल क्या रहा है! जया ने देखा वो आदमी मुस्करा रहा था अपने मुँह पर हाथ रख के, जया ने पूछा तुम कौन हो? उस आदमी ने कहा पहचाना नहीं उसने बोला ना! उस आदमी ने बोला मैं गोविंद तुम्हारे स्कूल का साथी जया कहने लगी मुझे याद नहीं आ रहा है कौन फिर उसने याद दिलाया कि गोविंद ने जब तुम्हें मैंने होली पर रंग लगाया था और तुम बहुत गुस्सा हुई थी क्यूंकि तुम्हारे बाल बहुत गंदे हो गए थे और तुम्हें अपने लंबे सुन्दर बालों से बहुत प्यार था जया को याद आया और जोर से हंसने लगी हंसते हंसते गोविंद कहने लगा तुम आज भी उतनी ही खूबसूरत हो जितनी पहले थी बस थोड़ी टुनटुन हो गई हो जया उसे हाथ मारकर हंसती है फ़िर गोविंद आगे चलते चलते अपनी सारी बातें करने लगा जया ने उससे पूछा तुम कहां चले गए थे स्कूल के बाद?गोविंद ने बताया वो विदेश चला गया था अपनी डॉक्टर की पढ़ाई के लिए। जया ने पूछा तुम्हें मेरी याद कैसे आई गोविंद ने हंसते हुए कहा तुम्हें ढूँढना कोई मुश्किल काम नहीं जया ने पूछा क्यूँ ? वो बोला तुम्हारे हर जगह आशिक भरे पड़े हैं किसी से पूछ लो जोर से ये कहकर गोविंद हंसने लगा | जया कहने लगी अच्छा अब मुझे चलना चाहिए गोविंद ने हाथ पकड़ लिया जया का और प्यार से बोला मुझे नहीं bulaogi अपने घर ?जया ने घबराते हुए कहा हाँ bulaungi ना और चली गई |जया बहुत खुश थी और आप को शीशे में देखने लगी और गोविंद की बातें सोच सोचकर मुस्कराने लगी |अगले कुछ दिनों बाद फोन की घंटी बजी तो जया के पति ने उठाया तो कोई नहीं बोला हैलो हैलो करके के फोन रख दिया और पति चले गए बाहर, फिरसे फोन की घंटी बजी तो जया ने उठाया तो हैलो गोविंद की आवाज आई जया बोली गोविंद!गोविंद ने बोला हाँ में तुमने पहचान लिया तब जया को समझ आया कि उस दिन भी गोविंद ही था फोन कॉल पर |फ़िर उन्होंने खूब बातें की रोज़ ऐसे ही बातें होने लगी देर देर तक जया भी बहुत खुश रहने लगी ,एक दिन गोविंद ने उसे cafe में मिलने के लिए बुलाया तो जया भी मान गई!उस दिन गोविंद बहुत handsome बनकर आया था और जया भी western ड्रेस में खुले लंबे बालों में बहुत खूबसूरत लग रही थी दोनों मिलते हैं और खाने के लिए ऑर्डर करते हैं कुछ बातें करते हैं और मस्ती करते हैं |
जया गोविंद के मैसेज का इंतजार करने लगी रोज़, जया गोविंद में धीरे धीरे खोने लगी कि जया अपने पति पर भी ध्यान कम देने लगी |
बहुत दिनों बाद गोविंद का फोन आया जया खूब गुस्सा हुई उसपर कहाँ चले गए थे क्यूँ फोन नहीं किया? गोविंद को जया का ऐसा बर्ताव बड़ा अच्छा लगा और जया को मिलने के लिए होटल में बुला लिया जया भी झट से मान गई उस दिन जया गुलाबी रंग की साड़ी और खुले बाल करके गई थी और बहुत खूबसूरत लग रही थी और गोविंद दूर से खड़ा उसे देखकर खंबे के पीछे छुप गया और बहुत प्यार मेहसूस करने लगा जया के लिए और सोचने लगा ये मैं क्या कर रहा हूं ! फ़िर जया ने पीछे से आकर हाथ मारा गोविंद और वो घबरा कर शर्माने लगा, जया ने बोला तुम कबसे शर्माने लगे हंसकर बोला कुछ भी तो नहीं, फिर दोनों बैठते हैं टेबल पर और कुछ खाने के लिए special मंगाते हैं, गोविंद आज अपने लिए हार्ड ड्रिंक और जया के लिए सॉफ्ट ड्रिंक मंगवाता है दोनों जब खा पी लेते हैं तब जया कहती है अब मुझे चलना चाहिए गोविंद कहता है जया का हाथ पकड़कर रुको न अभी नहीं जया को उसकी छुअन कुछ अलग सी लग रही थी जैसे कुछ कहना चाह रहा हो, वो सुनती है उसे गोविंद कहता है जया मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ उस दिन वो लेटर मैंने ही तुम्हारे घर पर भिजवाया था i love you जया अंदर से बहुत खुश हो रही थी जैसे उसके शारीर में बिजली का करंट सा दौड़ रहा था पर था ,जया कहती है कि अब मुझे चलना चाहिए तभी देखती है कि बाहर जोर से बारिश हो रही थी तब गोविंद ने कहा आज इस होटल में रुक जाओ बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी जया मान जाती है और अपने पति को फोन कर देती है कि आज रात मैं बारिश की वजह से अपनी दोस्त के घर रुक जाती हूँ और दोनों होटल के रूम में रुक जाते हैं, और गोविंद जया का हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींचता है और उसे गले लगाकर माथे पर चूमता है जया को वो पल बहुत खूबसूरत मेहसूस हो रहा था और जया भी उसकी बाहों में सिमटने लगती है तभी गोविंद जया का चेहरा पकड़कर ऊपर करता है और दोनों एक दूसरे की आंखों में खो जाते हैं और दोनों करीब आने लगते हैं और होंठ से होंठ मिलने लगते हैं इतने करीब थे कि सब कुछ भूल चुके थे तभी जया के हाथों में उसके बाल आ जाते हैं और वो होश में आती है और कहती है मुझे चलना चाहिए ये ठीक नहीं है उसे अपने पति की याद आ जाती है और गोविंद उससे माफी मांगता है और कहता है ऐसा फिर नहीं होगा हम दोस्त की तरह रहेंगे और जया मान जाति है और सुबह अपने घर चली जाती है और अपने पति के गले लग जाती है और अपने परिवार में खुश रहती है उस दो पल जो गोविंद के साथ बिताए थे उसे अपने दिल में दबाकर, गोविंद के साथ अपनी दोस्ती निभाती है और अपने परिवार में व्यस्त हो जाती है।

बहुत बहुत धन्यवाद पढ़ने के लिए 🙏
© Puja Panchal