...

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@#चित्रा - the untold story - 2 @#
तुमने डीडीएलजे मूवी कितनी बार देखी है , चित्रा

मै समझ गया था कि ये ऐसा क्यों बोल रही है फिर भी मैने मना कर दिया कि मैने डीडीएलजे नहीं देखी

पर मुझे लग रहा है कि तुमने बस डीडीएलजे ही मूवी देखी है उसके सिवा कुछ नहीं , उसी की तरह कर रहे हो
नहीं देखी ना तो आज जाकर देखना , चित्रा

उसने मेरी तरफ ध्यान से देखा , और बोली
वही बालों का स्टाईल , वही कपड़े , ऐसा ही बेग , .............. कहीं तुम सच में शारूख खान तो नहीं ?
मुझे समझ नहीं आ रहा कि तारीफ कर रही है या बेइज्जती ...........

कुछ समय के लिए मै भ्रम में पड़ गया , कि कहीं मै सच मे शारुख खान सा तो नहीं लग रहा ,
मैने अपने कपड़ों की तरफ देखा , जो बिलकुल भी ऐसे नहीं थे , बेग की तरफ देखा , अपनी आंखो से बालों को देख ने कि कोशिश करने लगा , और मन ही मन सोचा इसे कैसे लगने लगा कि मेरे बाल शरुख खान जैसे हैं जो कहीं से भी मेल नहीं खा रहे

फिर समझ में आया बेइज्जती ही कर रही है ये
मै कुछ समय के लिए चुप हो गया , सारे लोग मेरी तरफ देख रहे थे , ................

मै चुप तो था पर मेरा दिमाक उसी के बारे में सोच रहा था ......
क्या मै पहला लड़का हूं जो इससे मिल रहा हूं , मुझ जैसे जाने कितने लड़के इसे रोज मिलते हैं
इसलिए इतना atitude तो होना ही चाहिए , ताकि कोई भी आए और अपना फोन नंबर देकर ना चला जाए

उसका ये atitude देख कर मैं उसे और भी पसंद करने लगा ....... I like it मेरे होठ बुद बुदाए

उसने अपने बेग से एक मैग्जीन निकाली जो महिला सशक्तिकरण से संबंधित थी ........
और वह उस मैग्जीन को पढ़ते पढ़ते उसी में खो गई , कानों में इयर फोन लगा था ........

उसके पास क्या हो रहा है उसे कुछ नहीं पता और सच ये है कि वह जानना भी नहीं चाहती है

पर मेरी सूई उसी पर अटक गई , मैने अपना मनोबल खुद ही बढ़ाया कि बेटा हम जैसे लड़को की या इज्जत क्या बेइज्जती ., और वैसे भी मुझे यहां कौन जानता है जो मै इतना सोच रहा हूं .........

कुछ समय बाद ये चली जाएगी तो क्यों ना कोशिश जारी रखी जाए , समय भी अच्छा पास हो जाएगा

ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी ,वह अपनी मैगज़ीन में ही खोई थी उसे नहीं पता उसका स्टेशन आगया ,

मैने सोचा इसे बता देता हूं इसका स्टेशन आ गया साएद इसी बहाने ये मुझे मुस्कुराते हुए thanks बोलेगी , और कहेगी कि अच्छा हुआ आपने बता दिया , इस ही बहाने मेरे नंबर इसकी नजरो मै बढ जाएंगे ,
जोकि मैने अक्सर देखा भी था कि ऐसा भी होता है

सुनो ! आपका स्टेशन आगया , मैने उससे कहा

उसने मुझे अनसुना कर दिया ,

मैने फिर कहा , आपका स्टेशन आगया , क्या आपको उतरना नहीं है , ट्रेन चलने वाली है ......

उसने बड़ी सी आंखो से मेरी तरफ देखा ,और बोली
oh! बताने के लिए धन्यवाद , पर क्या तुम इस ट्रेन के कंडक्टर हो जो हम सब को हमारे स्टेन के बारे में बता रहे हो ......

पर में सबको कहां बता रहा हूं , बस आप ही को तो बताया , मैने उससे कहा

अच्छा तो मुझे ही क्यों बताया , चित्रा

आप ने ही तो बोला था कि अगले स्टेशन पर उतरना है .....

अच्छा जो मै बोलूंगी तुम उसे सच ही समझोगे ., चित्रा
sorry गलती हो गई ये बोल कर
मैं चुप होगया , चुप रहना ही मैने बेहतर समझा
मै उससे बात करना चाह रहा था , पर उससे वाद विवाद नहीं,

मैं फिर मन ही मन सोचने लगा , thanks तो बोला पर मुस्कुराते हुए नहीं , और साथ में मुझे कंडक्टर भी बता दिया , अब मुझे साफ़ साफ़ दिखाई देने लगा कि उसकी नजरों मेरी क्या इमेज बन गई है..............


to be continue in next part

© @herry