...

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कल को में कल मैं छोड़ आई,
मुझको नही पता ये सही है या गलत पर अब मैं उन सब यादों को यहीं छोड़ रही हु मेरे कल के साथ मैं इन सब में सै कुछ नहीं रखूंगी अच्छा और न ही वो जिन बातों ने मेरा दिल दुखाया सब यही रख के आगे जा रही हु इसलिए नही की मेरा मन भर गया बल्कि इसलिए क्योंकि ये जरूरी हैं मेरे लिए , कब तक मैं खुदको अंदर ही अंदर खत्म करूंगी कभी न कभी तो निकलूंगी पर उस वक्त तक शायद मैं जो हू वही न रहुंगी तो?? isliye जरूरी हैं
पर हा तुमको मैंने अपनी जिम्मेदारी पर चाहा था इसलिए मैं तुमको गलत तो बिलकुल nhi बोल सकती हु तुम मेरे लिए किसी फरिश्ते सै कम नहीं हों क्योंकि जो आज हू वो तुम्हारी वजह सै हु और तुमने मेरे लिए जो किया है वो शायद ही कोई अपना अपने के लिऐ ही kr सकता होगा और मै तुम्हारी हमेशा कर्जदार हु मेरे पास शब्द नहीं है ,
जिनमे तुम्हारे बारे मैं कुछ बता सकूं ,

तुम मेरे लिए एक इबादत थे,
हों और रहोगे,
मेरी परमात्मा सै यही दुआ है की मेरी खुशियां भी तुम्हारे हिस्से में आ जाए ,