...

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तुम्हारा देख रूहानी चेहरा
तुम्हारा देख रूहानी चेहरा ,जिसे देखकर ये दिल मेरा ठहरा।
तुम्हारी खूबसूरती के आगे , फीका लग रहा हर एक चेहरा।

बहुत ही सॅंभाल रहा हूॅं ,पर नहीं सॅंभल रहा है यह दिल मेरा।
रह-रह कर तुम्हारा ही दीदार ,करना चाहता है ये दिल मेरा।

इन होठों पर सिर्फ़ और सिर्फ़ ,हर पल ज़िक्र आ रहा है तेरा।
तुमसे कहीं मोहब्बत ना हो जाए , डर रहा है यह दिल मेरा।

ना आओ इतने करीब मेरे,कहीं तुमसे मोहब्बत हो ना जाए।
डरते हैं हम जिस बात से ,देखो न कहीं वो बात ना हो जाए।

तुम्हारे करीब आते ही ,जोरों से धड़कने लगता है दिल मेरा।
तुम्हारी कातिल अदाओं के आगे,फिर बस नही चलता मेरा।

कहीं ऐसा ना हो की , मेरा यह दीवाना सा दिल मचल जाए।
फिर अगर सॅंभालना भी चाहे ख़ुद को , पर सॅंभाल ना पाए।

तुम्हारा देख रूहानी चेहरा ,जिसे देखकर ये दिल मेरा ठहरा।
तुम्हारी खूबसूरती के आगे , फीका लग रहा हर एक चेहरा।