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अपने विचार व्यक्त न करना
#WritcoStoryPrompt63

ज़िंदगी में हम कई ऐसे लोग मिलते हैं।जो अलग-अलग विचारधारा के होते हैं। कुछ को तो बहुत बोलने की आदत होती है।कुछ लोग चुप रहते हैं। कई लोग तो ऐसे होते हैं,कि हर बात पर अपनी टिप्पणी देते हैं और कई ऐसे होते हैं ,कि सब कुछ देखने और सुनने के बाद भी अपनी कोई टिप्पणी नहीं देते हैं।बस चुपचाप रहकर सब कुछ और सुन रहे होते हैं।
अपनी ज़िंदगी में मैं भी कई ऐसे लोगों से मिली हूॅं। ज्यादातर देखा जाए तो अक्सर लोगों की ज़िंदगी सिर्फ़ एक जगह में रहकर ही बीत जाती है।पर मैं तो पूरी दुनिया घूमती हूॅं। नए नए लोगों से मिलती हूॅं।नए-नए जगह देखती हूॅं। इस कारण मेरा कई अद्भुत और विचित्र लोगों से सामना होता है।
मौजूदा समय में मैं जहां रही हूॅं। यहां पर कुछ ऐसे लोग हैं।जो मेरी सोच से बहुत अलग है। कुछ कि तो बोलने की इतनी आदत है, कि अगर वह बोलने बैठ जाएं तो बोलते ही रहते हैं।और कुछ ऐसे हैं कि बस ख़ामोश है।यहां पर एक ऐसी स्त्री भी है।जो सब कुछ देखती है।सुनती है। पर कभी भी अपनी प्रतिक्रिया नहीं देती है। उसे जितना भी बोलो पर वह कभी भी अपने विचारों को व्यक्त ही नहीं करती है। मानो जैसे उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता है।
यहां पर कई ऐसी स्त्रियां है।जो उसके बारे में बहुत कुछ बोलती हैं।यह बात उसको भी पता है। पर वो उनकी बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देती है।पर कभी भी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दिखाती है।और ना ही कभी किसी भी बात पर अपने विचार व्यक्त करती है।बस ख़ामोश रहकर चेहरे पर एक मुस्कुराहट रखकर बात को पलट देती है।उसका यह स्वभाव सच में ही बहुत अचंभित है।कोई कैसे इतना चुप रह सकता है। बस ख़ामोश रहती है और अपने तक ही सीमित रहती है।
उसके अंदर इतनी सहनशीलता और धैर्य है।कि जो आज कल देखने को नहीं मिलता है।आजकल तो धैर्य और सहनशीलता बहुत ही मुश्किल से देखने को मिलती है‌।जिनके अंदर यह गुण हैं वह इंसान दुनिया का सबसे सुखी इंसान है।